अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अमेरिका के अगले राष्ट्रपति के चुनाव के लिए चल रहे प्रचार अभियान के दौरान कहा था
कि रिपलब्किन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप परमाणु बटन का नियंत्रण देने लायक नहीं हैं। वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने परमाणु हथियार के इस्तेमाल पर पलटवार करते हुए कहा था, “इस्लामिक स्टेट हम पर हमला कर रहा है और आप परमाणु हथियार का प्रयोग नहीं करना चाहते? मैं अपने विकल्प कभी नहीं बंद करूंगा।” मतदान से पहले अमेरिका के दस पूर्व न्यूक्लियर लॉन्च कंट्रोल अफसरों ने एक खुला पत्र लिखकर कहा कि डोनाल्ड ट्रंप पर परमाणु हथियार को लेकर भरोसा नहीं किया जा सकता। उनमें परमाणु हथियार प्रयोग करने के लिए जरूरी “शांत मस्तिष्क, संयम, न्यायप्रियता और कूटनीतिक समझ” नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति का आदेश मिलने के बाद न्यूक्लियर लॉन्च कंट्रोल अफसर ही परमाणु हथियार से हमले की कार्रवाई को अंजाम देते हैं। अब डोनाल्ड ट्रंप चुनाव जीत गए हैं। वो अगले साल जनवरी में बराक ओबामा की जगह लेंगे। इसी के साथ उन्हें दुनिया के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का असीमित अधिकार भी मिल गया है। जाहिर है, अब उनके एक फैसले से पूरी दुनिया में तबाही मच सकती है। लेकिन क्या सचमुच अमेरिकी राष्ट्रपति एक बटन दबाकर कर सकता है परमाणु हमला? आइए हम आपको बताते हैं इससे जुड़ी हर जानकारी।
क्या है परमाणु बटन?- परमाणु बटन जैसी कोई चीज नहीं होती। परमाणु हमले के लिए कमांडर- इन-चीफ को कई नियम-कानून, उपकरण, प्रक्रियाओं का पालन करना होता है। अमेरिका के राष्ट्रपति ही देश के कमांडर-इन-चीफ होते हैं।
बिस्किट क्या है?- परमाणु हथियार लॉन्च करने के लिए जरूरी कोड इस कार्ड में होते हैं। ये कार्ड अमेरिका के राष्ट्रपति के पास होता है। इसका प्रयोग करके वो परमाणु लॉन्च अफसरों को परमाणु हमले का आदेश देते हैं।
फुटबॉल क्या है?- अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ हर समय चलने वाला काला ब्रीफकेस। इस ब्रीफकेस में युद्ध की योजना, अथेंटिकेशन कोड और संचार यंत्र होते हैं। इसका वजन करीब 45 पाउंड होता है इसीलिए इसे फुटबॉल कहते हैं।
फुटबॉल लेकर कौन चलता है- ये फुटबॉल राष्ट्रपति का ऐसा सहयोगी लेकर चलता है जो हर समय उनके साथ रहता है, चाहे वो व्हाइट हाउस हो या कार या विदेश दौरा। ये सहयोगी अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ एक ही लिफ्ट का प्रयोग करता है, एक ही होटल में एक ही तल पर रुकता है। इस सहयोगी की सुरक्षा भी राष्ट्रपति के सुरक्षा एजेंसी के हाथ में होता है। ऐसी ही एक फुटबॉल अमेरिका के उप-राष्ट्रपति के पास भी होता है।
फुटबॉल की शुरुआत कहाँ से हुई- इसकी शुरुआत 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट से मानी जाती है। इसका नाम परमाणु युद्ध से जुड़ी एक योजना “ड्रॉपकिक” से आया है। रूसी राष्ट्रपति भी ऐसा ही छोटा काला ब्रीफकेस लेकर चलते हैं जिसे “द लिटिल ब्रीफकेस” कहते हैं।
जब बिस्किट गायब हो गया- बिल क्लिंटन से साल 2000 में उनका बिस्किट खो गया था। हालांकि कई महीनों बाद इसे खोज लिया गया। रोनाल्ड रीगन पर जब 1981 में जानलेवा हमला हुआ तो उनका फुटबॉल लेकर चलने वाला सहायक उनके साथ अस्पताल नहीं गया। रीगन को जब ऑपरेशन थिएटर में ले जाया जा रहा था कि किसी ने उनकी जेब काट ली। बाद उनका बिस्किट अस्पताल के कूड़ेदान में एक प्लास्टिक बैग में मिला था।
क्या अमेरिकी राष्ट्रपति जब चाहे कर सकते हैं परमाणु हथियार का प्रयोग?- अमेरिकी राष्ट्रपति चाहे तो परमाणु हथियार का प्रयोग कर सकता है। उस पर कोई रोक नहीं लगा सकता। हालांकि उसे फैसला लेने में थोड़ी देर हो इसकी एक प्रक्रिया है। अगर अमेरिका पर परमाणु हमला होता है तो राष्ट्रपति को कुछ मिनटों में 925 परमाणु आयुधों को चलाना होगा। ये परमाणु हथियार हिरोशिमा में प्रयोग किए गए परमाणु बम से 17 हजार गुना शक्तिशाली होंगे। अमेरिका का राष्ट्रपति चाहे तो पहले भी परमाणु हमला कर सकता है।
क्या अमेरिका का राष्ट्रपति युद्ध की घोषणा कर सकता है?- युद्ध की घोषणा राष्ट्रपति नहीं अमेरिकी कांग्रेस करती है। हालांकि कई अमेरिकी राष्ट्रपति आधिकारिक तौर पर युद्ध की घोषणा किए बिना लड़ाई के लिए सैनिक टुकड़े भेजते रहे हैं। अमेरिकी कांग्रेस ने अब तक केवल पांच बार युद्ध की घोषणा की है। अमेरिकी राष्ट्रपति अब तक 120 से अधिक बार सैनिक टुकड़ी भेज चुके हैं। लेकिन उन्होंने इसके लिए युद्ध की घोषणा नहीं की।
फुटबॉल के अंदर क्या होता है- चमड़े के तीन पट्टे से होते हैं। सुरक्षित सैटेलाइन रेडियो होता है। लॉक कॉम्बिनेशन होता है। ब्रीफकेस का हैंडल से एक चेन लगी होती है जो फुटबॉल लेने के वाले के हाथ में बंधी होती है। ब्रीफकेस के अंदर एक “ब्लैक बुक” होती है जिसका आकार तीन गुना पांच इंच होता है। इसमें अथेंटिकेशन कोड होते हैं।